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डायल 112: प्रदर्शन खत्म लेकिन मांगों पर अभी भी अड़ी हैं महिला कर्मचारी

 13 Nov 2023

 पिछले कई दिनों से अपनी मांगों को लेकर लखनऊ स्थित ईको गार्डन पर धरना दे रही डायल 112 की महिला कर्मचारियों ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया है। यह महिलायें अब अपने घरों को लौट गई हैं। समाजवादी पार्टी (सपा) नेता अखिलेश यादव ने इन माहिलाओं से रविवार को अपने आवास पर मुलाकात की थी, उनकी आवाज को सदन में उठाने का भरोसा दिलाया थी, जिसके बाद इन महिलाओं ने अपना प्रदर्शन खत्म कर दिया।

यह कर्मचारी अपना वेतन बढ़ाने की सरकार से मांग कर रही थीं। इन कर्मचारियों का कहना था कि इन्हें अब तक लगभग 11,000 रु तनख्वाह मिलती है, जिससे महंगाई के इस दौर में घर चलाना बहुत मुश्किल होता है। इसीलिए हमारा वेतन बढ़ाया जाए। शुरुआत में यह कर्मचारी डायल 112 के कार्यालय पर धरना दे रहे थे, जिसके बाद पुलिस ने इन्हें वहाँ से हटा दिया था। उसके बाद से लगातार यह ईको गार्डेन में धरना दे रहे थे।

वेतन बढ़ाने के आलवा इन कर्मचारियों ने सरकार द्वारा दूसरी कंपनी को टेंडर दिए जाने का भी विरोध किया। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यूपी सरकार ने जिस कंपनी को अब डायल 112 का टेंडर दिया है वो कई-कई महीनों तक कर्मचारियों का वेतन होल्ड करती है। साथ ही कंपनी की रेटिंग भी कुछ खास नहीं हैं। मोलिटिक्स से बातचीत करते हुए इन कर्मचारियों ने कहा कि सरकार ने ऐसी कंपनी को टेंडर कैसे दे दिया।

दरअसल, अभी तक डायल 112 सर्विस के लिए इन कर्मचारियों की भर्ती टेक महिंद्रा नाम की एक कंपनी करती थी। टेक महिंद्रा का टेंडर खत्म होने के बाद सरकार ने वी विन नाम की कंपनी को टेंडर दे दिया।

मोलिटिक्स ने प्रदर्शन कर रहीं कुछ महिलाओं से बातचीत की। एक प्रदर्शनकारी ने कहा कि नई कंपनी ने हमें जो ऑफर लेटर दिया है उसमें उन्होंने महीने के तीसों दिन काम करने, कोई मैटरनिटी लीव न देने, साथ ही दो साल का अनुभव होने जैसी कुछ शर्तें रखीं हैं। महिलाओं ने कहा कि मैटरनिटी लीव, अदालत के अनुसार हर महिला कर्मचारी का हक है। इसके साथ ही देश के श्रम कानूनों के तहत महीने में कैजुअल लीव भी मिलती हैं। हालाँकि कंपनी द्वारा इन कर्मचारियों को दिए ऑफर लेटर की कापी नही होने से मोलिटिक्स इन आरोपों की पुष्टि नहीं करता।

इस प्रदर्शन को समाजवादी पार्टी ने अपना समर्थन दिया है। रविवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने इन कर्मचारियों को अपने आवास पर बुलाया था। उनके साथ दिवाली मनाई। अखिलेश ने इन महिलाओं को उनकी मांगों को सदन में उठाने का भी आश्वाशन दिया है। सोशल मीडिया साइट एक्स पर पोस्ट करते हुए अखिलेश ने लिखा-

“इस बार हमने अपने घर पर ‘डायल 100’ (डायल 112 का पुराना नाम) की संघर्षरत बहनों के साथ, एक परिवार की तरह दीवाली मनाई और उन्हें आश्वस्त किया कि सपा ‘डायल 100’ की बहनों के संघर्ष की आवाज़ बनेगी। साथ ही इस संवेदनात्मक-संकल्प के दीप भी जलाए कि उनके साथ, बिना किसी दुर्भावना के सच्चा न्याय सुनिश्चित हो। ‘संवेदना’ समाजवादी मूल्यों की भावनात्मक-कोख होती है, जिससे समाज के शोषितों के लिए सद्भावना जन्म लेती है।“

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 इस मौके पर अखिलेश के साथ उनकी पत्नी डिंपल यादव भी मौजूद रहीं। 

वहीं सपा नेत्री पूजा शुक्ला ने इस बारे में मोलिटिक्स से फोन पर बातचीत में योगी सरकार पर निशाना साधा। शुक्ला ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब पूरा देश दिवाली का पर्व मना रहा है, उत्तर-प्रदेश की यह बेटियाँ अपने हक के लिए धरने पर बैठने को मजबूर हैं। न तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, न ही उनका कोई प्रतिनिधि इन बेटियों से बात कर रहा है। उल्टे सरकार इनकी आवाज को बल प्रयोग कर दबाने की कोशिश कर रही है।

शुक्ला ने कहा कि फिलहाल इन बेटियों से अखिलेश यादव और उनकी पत्नी डिम्पल यादव ने मिलकर उनसे धरना खत्म करने की अपील की थी। साथ ही उन्होंने इन कर्मचारियों को पूरी तरह ये भरोसा दिलाया था कि वे उनकी मांगों को सरकार के सामने रखेंcगे। हालाँकि प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वे अब धरने पर तो नहीं बैठेंगी लेकिन अपनी मांगों पर वो अब भी बरकरार हैं।